राम भगवान नहीं है। सही अध्ययन से पता चला की रावण भगवान है।

राम भगवान नहीं, सही अध्ययन से पता चलता हैकी रावण को भगवान का अस्तित्व मिलता है।

राम भगवान नहीं, भगवान रावण है। दक्षिण भारत में मे रावण को भगवान मानते हैं राम को नहीं, क्या सही अध्ययन से दिखा जाये तो असली भगवान रावण ही होगा ?
राम ने रावण को नहीं मारा,  रावण ने राम को अपनी जाने राम के हवाले कर दिया गया। राम कथा मे गौर से अध्ययन किया जाये तो असली भगवान रावण ही है राम को भगवान होने का सबूत नहीं मिलता है।
राम क्षेत्रीय समाज के थे, और रावण ब्राह्मण जो की राम को रावण बद्ध करने के लिए पूजा अर्चना करने के लिये पुजारी की जरुरत पड़ा तो राम को रावण के पास जाना पड़ा।
रावण एक ब्राह्मण होने के नाते अपने पांडित्य कि कर्तव्य निभाते हुए अपनी ही बद्ध के लिये राम का पूजा स्वीकार करते हुए रावण बद्ध का पूजा किया।
यहां राम जानते थे की रावण अपने कर्तव्य पालनकारी मे से है, और रावण का बद्ध करना संभव नहीं है जब तक वें अपनी देह त्याग करने का निर्देश किसी व्यक्ति को सौंप न दें।
रामचंद्र जी उसी प्रकार का फायदा उठाते हुए रावण द्वारा रावण बद्ध का रावण से पुजा करवाया।
रावण जानते थे कि इस पूजन मे मेरे बद्ध निश्चित है, फिर भी अपने जीवन काल समर्पण करने हेतु अपनी ब्राह्मण अस्तित्व को बढ़ावा दिया। रावण के इस कार्य को अध्ययन से भगवान होने की संकेत मिलता है।

रामचन्द्र जी जब वनवास गये सीता जी के साथ रामचन्द्र का भाई लक्ष्मण भी गया। लक्ष्मण को देखकर रावण की बहन लक्ष्मण के प्यार में आकर्षित हुई, जब रावण की बहन लक्ष्मण को अपनी प्यार को इजहार की, तो लक्ष्मण ने उनकी नाक काट दिया। इसी बात को लेकर रावण सीता को हरन किया और रामचंद्र जी से बदला लेने चाहा। 
रावण बेवजह सीता को नहीं उठाया न ही जंग का नौता दिया सिर्फ अपनी बहन की प्रतिशोध के लिए सीता को श्रीलंका ले गया ताकि रामचंद्र और लक्ष्मण सीता को ढूंढते हुए रावण के पास आयें।
यहां सही अध्ययन से दिखा जाये तो रावण को सीता को उठाया जाना पल भर की बात आते हैं, जो क्षण के अंदर श्रीलंका ले गया, मगर राम को सीता को ढूंढते हुए कय महीने लग गये। साथ में कय पशु पक्षी और हनुमान का सहायता लेने पड़ा था, समुद्री पुल भी बनाने पड़े थे।
यहां दिखा जाये तो रावण द्वारा भगवान होने का संकेत मिलता है।

जब राम रावण युद्ध किया तो अपने ब्राह्मण होने का सबूत और सत्य पुजारी होने की अपनी पूजन अनुसार अपनी जाने त्याग दिया और रामचंद्र जी को अपनी योजना का सफल हुआ।
देखा जाये तो रामचंद्र का जीत हासिल नहीं हुआ, योजना का सबूत रावण द्वारा निर्मित रावण चरित्र रामचंद्र द्वारा रावण को भगवान होने का उपाधि प्राप्त हुआ था।
अगर रामचंद्र भगवान होते तो सीता माता को अग्नि परीक्षा नहीं देना पड़ता क्योंकि भगवान अंतरयामी होते हैं। 
इसी प्रकार रावण को और एक चरित्रवान सबूत हासिल होती हैं की सीता पवित्र होने से....

इसी तरह रामकथा सम्बन्धी विचार धारा धार्मिक महत्व हिन्दू धर्म में बिगड़ चुके हैं।
भारत मे कहीं रामचंद्र को भगवान मानते हैं तो दक्षिण भारत में रावण को भगवान माना जाता हैं ।
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