मां तेरे अंचल के छायें में " ये कविता को एकबार जरुर पढ़ें !
सुंदर सुशील देश हमारा,
ये हर भारतीय का है नारा।
इंडिया भारत हिन्दुस्तान नाम है तेरा।।
अनेक रुप है एक ही चेहरा।
गुल गुलशन से सजा है सेहरा।।
हर धर्म तेरे आंगन में प्यार की गीत गाते।
मंदिर मस्जिद चार्च गुरुद्वार सब मिल के।।
हर देश का नक्शा तुझ में है मिलते।
युरोप के फूल दिखाई देती शिमला और कश्मीर में खिलते।।
अरब इराक जैसे मरुस्थल और क्या देखें ईरान।
इनका नक्शा भी न छोड़ा मिसाल है हमारा राजस्थान।।
वो जो अफ्रीका की गरमी रूप रंगों का भेस।
केरल में देखें मिलता उनके खुबी और हमारा आंध्रप्रदेश।।
गौरे काले भुरेली आंखें कितने लोगों के चेहरे।
दुनिया के मिसाल भारत में शामिल हर रूप की नहरें।।
तेरे रूप में कितनी खूबी है मां, अंग्रेज को भी भां गये।
तेरे आजादी के ख़ातिर कितनों बेटे शहीद हुए ।।
हर राज्य में अलग-अलग की भाषाएँ।
देती हैं हमको शिक्षा की आशाएं।।
हर राज्य के नये चेहरा।
परिचय कराते देश हमारा।।
हर राज्य का अपनी संस्कार।
याद दिलाता नया तौहार।।
गंगा यमुना और स्वरस्वती।
भारत माता तेरी सृति।।
ऋषि मुनियों का आवास कि तस्वीरें।
टीपू मुगल साम्राज्य की वो वीरें।।
एकता ही था तेरे पहचान का प्रतीक।
हिन्दू मुस्लिम ईसाई और सिख।।
आज तुझ पे नज़र किसने लगाया।
हम सब को एकता से लड़ाया।।
धर्म के नाम से बनी राजनीति।
भ्रष्ट हो गयी राम कहानी की सृति।।
हिंदू मुस्लिम वापस में लड़ाई की कहर।
कौन लगाये कुर्सी पर मुहर।।
मस्जिद मंदिर बना राजनीति मुद्दा।
भाई भाई की लड़ाई से हुए, वतन से जुदा।।
आजादी देकर भी मां तुझे आज़ाद कर न सका।
पड़ौसी मुल्क उठा रही है, इस रंगनीति का मौका।।
भारत माता तेरे रक्षक बादशाह को कह दे।
बेटे तेरे बादशाही से मुझे आजादी दे दें।।
सुंदर सुशील देश हमारा।
ये है हर भारतीय का नारा।।
राउजा सुल्ताना
1 comments:
Click here for commentsBahut badiya.
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